शनिवार, 25 अक्तूबर 2008

"जीवन की कविता"

याद आई खुद की तो कविता लिख लीं
जिंदगी के खोये लमहों से लौटा तो कविता लिख ली
कविता ने ही खुशी का पैगाम भेजा
मेंने भी इससे मुस्कुराहट कबूल कर लीं
मुस्कुराहट में दोस्तों को खुशी का अहसास कराया
सबकी खुशी में खुद की कमी महसूस कर लीं
न है तमन्ना अब रातों में खो जाने की
बस प्यारी यादों में नींदे तबाह कर लीं
जिंदगी के रिश्तों से कोई शिकवा ही नही
देखो मेने एक रिश्ते की निबाह कर लीं !!

शुक्रवार, 24 अक्तूबर 2008

"लौट आयीं हैं फिर यादें"

लौट आई हैं फिर यादें
सुबह की उजालों सी,
उन्मुक्त सी
बीतें हुए ख्यालों सी
अन्जानी सी, मतवाली सी
सुखद भरी अहसासों सी,
लौट आई हैं फिर यादें
सुबह की उजालों सी,

बचपन की हैं कुछ मीठीं यादें
भोली सी हैं नटखट यादें
बच्चे थें हम
अब ये यादें हैं
लड़तें थे हम
ये यादें हैं
गिरते थें हम
ये यादें हैं
रोतें थे हम
अब ये बस यादें हैं
लौट आई हैं फिर यादें
सुबह की उजालों सी,

जब हम किशोर हुये
तब की कुछ शरारती यादें,
क्रिकेट हैं यादें
पतंग हैं यादें
घूमने से लेकर
कॉलेज हैं यादें
लौट आई हैं फिर यादें
सुबह की उजालों सी,

युवा दौर में जब हम थे
तब हैं अपनी मस्ती की यादें
मित्र हैं यादें
क्लास हैं यादें
कैंटीन हैं यादें
पार्क हैं यादें
कुछ तो हैं अब भी ऐसा
की अब तक ये हसीं है यादें
लौट आई हैं फिर यादें
सुबह की उजालों सी,

अब हम जीवन पथ पर हैं
मंजिल तय करने को हैं,
न हैं अब वो पल हमारें
पर यादें अब भी हैं साथ हमारें !!
लौट आई हैं फिर यादें
सुबह की उजालों सी,
लौट आई हैं फिर यादें
सुबह की उजालों सी !!

"संकल्प"

हम तो हैं राही
जिंदगी के सफर के,
साथ बढ़ रहा जो
कदम दर कदम हमारें
वो है हमसफ़र हमारा
हम हैं हमराहीं उसके,
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सपनों के पथ पर
बढ़ चलें इक साथ हम अब,
हैं दुनिया फतेह करने का इरादा
जिंदगी के सफर में,

बन पथिक हम
राह पर निकलें अब हैं,
मंजिल पाने की चाह
दौडें अब हैं,

न रुकेंगी अब
ये जीत का सिलसिला,
अब तो करना हैं बस
हमें ही फैसला,
पाकें मंजिल भी
हमें हैं नहीं रुकना,
हैं आगे और भी मंजिल
हैं आगे और भी बढ़ना!!

"मिट्टी का घरौंदा"

वर्षा के मौषम में हम
मिट्टी का घरौंदा बनायेंगें,
न बह जायें कहीं वो
ऐसी छांव को पायेंगें,
ज्ञान की फुलवारी से
उस घर को सजायेंगे,
मानवता के फूल से
उसकी शोभा बढायेंगे,
सूर्य किरणों को
उसकी आँगन -धूल बनायेंगे,
घर की महक होगी
खुशियों को बसाने से,
घरौंदा होगा अडिग हरदम
भले ही लाख तुंफा आयें,
है मिट्टी में भी इतना दम
ये सब को कर दिखायेंगे.!!