शनिवार, 25 अक्तूबर 2008

"जीवन की कविता"

याद आई खुद की तो कविता लिख लीं
जिंदगी के खोये लमहों से लौटा तो कविता लिख ली
कविता ने ही खुशी का पैगाम भेजा
मेंने भी इससे मुस्कुराहट कबूल कर लीं
मुस्कुराहट में दोस्तों को खुशी का अहसास कराया
सबकी खुशी में खुद की कमी महसूस कर लीं
न है तमन्ना अब रातों में खो जाने की
बस प्यारी यादों में नींदे तबाह कर लीं
जिंदगी के रिश्तों से कोई शिकवा ही नही
देखो मेने एक रिश्ते की निबाह कर लीं !!

3 टिप्‍पणियां:

MANVINDER BHIMBER ने कहा…

याद आई खुद की तो कविता लिख लीं
जिंदगी के खोये लमहों से लौटा तो कविता लिख ली
कविता ने ही खुशी का पैगाम भेजा
मेंने भी इससे मुस्कुराहट कबूल कर लीं
मुस्कुराहट में दोस्तों को खुशी का अहसास कराया
dil ko chu gai hai ye kavita

Udan Tashtari ने कहा…

बहुत बढ़िया!!


आपको एवं आपके परिवार को दीपावली की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाऐं.

Unknown ने कहा…

mumbai m huye bomblast par aapki tikhi pratikriya se ham sabhi sahmat hai aur hamari khed hai un pariwar walo k prati jinke bete is jang me saheed huye.aatankwadiyon ne maharastra me ho rahe algavwadi nittiyon k karan hi aisa kadam uthaya hai.desh k karndharo ko iske prati sochna chahiye ki jyo hi hamari akta aur akhandta ladkhai padosi desh ki pratikriya samne aa gayi aap k vichar bahut achche lage,dhanywad