किसी के आने की भनक आज है
अकेले में मुस्कुराने की सनक आज है
कहाँ खो चलें थे हम ख़ुद को
फिर उसे पाने की तलब आज है,
एक दोस्त हमारा आता होगा
महफ़िल तो नही पर
खुशबू जरूर लाता होगा
होने को तो बस हम ही होंगे
जो साथ खिलखिलाने की ललक आज है,
फिर झगडेगें हम बारी-बारी
सबक देंगे सब दुनिया से न्यारी
होगें हम अब तनहाई से दूर
क्योंकि फिर साथ बैठने का समय आज है !!