दो बातें एक एहसास की...
रविवार, 23 अक्तूबर 2011
इक उम्र के...
इक उम्र के
इक सफ़र में
इक पड़ाव की
आस थी!
बढ़ना होगा
या भटक रहे
अब इस
प्रश्न की
तलाश है!!
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