मंगलवार, 9 जुलाई 2013

ये युवा की हुंकार है...

बन रहा है रास्ता
तो बिछ रही बिसात है,
लड़ते, गिरते देख तो
जीत की मिठास है,

कुछ चले थे वो कभी
कुछ चले हैं आज भी,
देख अब युवा तुझे
देश की पुकार है,

कदम बढ़ा के रख दिया
जोश का उबाल है,
है कौन जो डिगा सके
किसकी ये मजाल है,

बिना रुके, बिना डरे,
बिना थके, तू चलता चल
है कौन जो झुका नही
ये युवा की हुंकार है...

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