सोमवार, 19 फ़रवरी 2018

मित्र

जिंदगी में कई तरह के मित्रों के साथ आप बड़े होते है, जिनसे मिले अनुभव खुद-ब-ख़ुद आपकी समझ को बढ़ा देते है और उस बढ़ी समझ से अगर उनको कुछ श्रेणियों में बाँटना चाहें तो कुछ ऐसे परिणाम दिखेंगे...
- पहचान वाले मित्र: जिनके बारे में आप बस इतना बोल सकें कि जानते है उन्हें। आजकल के सोशल नेटवर्किंग फ्रेंड/फॉलोवर को इसी श्रेणी में रख सकते है जिनके अधिक होने से एक विचित्र तरह के गर्व का अनुभव होता जो मेरे आज तक समझ नही आया है।
- भीड़ वाले मित्र: जिनके होने से आप परिचितों के भीड़ का अनुभव कर पायें। शादी, त्योंहारों में इनके होने से रौनक बढ़ती है। राजनीतिज्ञ और कुछ विशेष प्रकार के प्रोफेशनल्स के लिए ये बहुत काम के होते है।
- पार्टियों वाले मित्र: ये वो लोग होते है जिनके साथ कुछ निजी मस्ती का माहौल बाँटते है जैसे बर्थडे, एनिवर्सरी या किटी पार्टी टाइप, जिसमें आपको अच्छी शोहबातों की जरूरत हो। फ़ोटो फ्रेम और सोशल नेटवर्किंग पर अपलोड होने वाली फ़ोटो के समय इनकी उपयोगिता समझ आती है।
- मित्र: इनके बारे में क्या परिचय दें, मित्र शब्द ही खुद में पूर्ण है। जिनके होने भर से ही आप कमी में ही सम्पन्नता का अनुभव करें, जहन्नुम सी जगह भी जिनके साथ पिकनिक प्लेस का अनुभव दे, कोई भी उल्लास या जश्न जिनके बिना पूर्ण न हो और जिनके होने मात्र से ही बड़ी से बड़ी समस्या या असफलता के दौर का सामना करने में आपके आत्मबल में दृढ़ता का और अधिक संचार होता रहे (बुरे वक्त का इसलिए क्योंकि विजेता के बहुत साथी होते है)। कुछ ऐसे विचित्र व्यक्तित्व वाले ही होते है मित्र। आज के समय में ऐसे दुर्लभ व्यक्तित्व को भी आई.यू.सी.एन. अपनी रेडलिस्ट में रख लें तो अच्छा है। अब मैं अपने अनुभव से कह रहा हूँ कि अगर आपके पास दो मित्र भी है (क्योंकि एक शायद कम पड़ सकता है) तो मुश्किलों के दौर में आपको भी मुस्कुराना आ जायेगा।